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Friday, September 18, 2015

कोमल-कोमल गाल

उस दिन जाने के बाद शाम को तनवी का फोन आया.. काफी देर तक हम दोनों बाते करते रहे..
मैंने कहा- तनवी, मुझे तुम्हारे कोमल-कोमल गाल, कोमल-कोमल होंठ, बड़ी-बड़ी आँखें जो हल्का सा काज़ल लगने के बाद इतनी कातिलाना हो जाती है कि किसी का भी खून हो जाए.. देखो मेरा कर दिया ना !!
तो वो शरमा गई और बोली- इतनी भी खूबसूरत नहीं हूँ..
मुझे उसकी यह बात बहुत अच्छी लगी.. इतनी बला की खूबसूरत होने के बाद भी उसमें फालतू वाले नखरे नहीं थे..
फिर मैंने उससे कहा- कल थोड़ा जल्दी आ जाना, कल ज्यादा पढ़ाई करनी है..
तो वो बोली- नहीं आउंगी तो मैं समय पर ही ! क्योंकि कालेज से जल्दी वापस नहीं आ पाउंगी और फिर घर आकर एकदम से टयूशन तो नहीं आ सकती ना ! मम्मी का हाथ भी बटाना होता है ना थोड़ा घर के कामों में.. इसीलिए समझे मेरे प्यारे अन्नू !
मैंने कहा- ठीक है ! मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगा !
फिर हम दोनों ने एक दूसरे से लव यू ! लव यू ! कहा, फोन पर एक दूसरे को चूमा भी, और फोन रख दिया !
फोन रखने के बाद मेरे दिमाग में दूसरे दिन के लिये कुछ शरारतें घूमने लगी.. फिर अगले दिन उसके आने से पहले मैंने घर को अच्छे से साफ़ किया, रूम फ्रेशनर का स्प्रे किया !
बाज़ार से जाकर उसके लिये ज़ेर्बेरा के फुल और उनके बीच में एक लाल गुलाब वाला गुलदस्ता लाकर फ्रिज में रख दिया। यह कहानी देसीएमएमस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे रहे । एक बात मैं आप सभी को बताना चाहूँगा कि लड़कियों को ब्लू फिल्मों से ज्यादा एक तन्हाई वाला रोमांटिक माहौल, फूल और हल्का-हल्का संगीत ज्यादा उत्तेजित करता है.. और एक रोमांटिक माहौल में किया गया लव और एक ब्लू फिल्म देख कर किये गये लव-मेकिंग में काफी अंतर होता है।
यह सब करने के बाद मैं उसके आने का इंतज़ार करने लगा.. ऐसा लग रहा था कि जैसे समय आज जाने कितना धीरे-धीरे बीत रहा है..
खैर उसके आने का समय हो गया और वो अपने आने के समय से 5 मिनट जल्दी आ गई.. उसे देख कर मेरे तो होश ही उड़ गए.. क्या लग रही थी वो.. सफ़ेद रंग की टी-शर्ट और नीले रंग की जींस.. बाल खुले हुए थे और उसका 34 डी वक्ष उसकी ख़ूबसूरती को एक हॉट-लुक दे रहा था..
मैं बस गेट खोल कर उसको देखता रहा तो वो मुस्कुरा गई और बोली- आज आप अंदर आने दोगे या बाहर से वापस भेजने का इरादा है?
तो मैं शरमा गया- नहीं.. मैं तो बस किसी की ख़ूबसूरती में खो गया था..
वो शरमा गई और उसके गाल हल्के-हल्के लाल से हो गए।
वो अंदर आ गई और मैंने गेट बंद कर दिया, अंदर आकर उसको पीछे से पकड़ लिया, अपने हाथ उसकी कमर में डाल दिए और उसके बदन की खुशबू लेने लगा। उसके बदन की खुशबू इतनी मस्त थी कि किसी को भी दीवाना बना दे.. मैं उसकी खुशबू में खो गया।
तो वो बोली- लगता है आज पढ़ाने का बिल्कुल भी मूड नहीं है..
मैंने कहा- कोर्स की पढ़ाई तो हर रोज़ करते हैं, आज कोर्स से बाहर की पढ़ाई करेंगे, इससे व्यक्तित्व का विकास होगा.. तो वो मुस्कुरा गई ये सुनकर..
अभी तक मैं उसको पीछे से पकड़ा हुआ था और हम दोनों खड़े हुए थे.. फिर मैंने उसकी गर्दन के पीछे से बालों को हटाया और उसकी गर्दन पर चूमा.. उसकी सांसें तेज़ हो गई.. फिर मैंने उसको उसके कानों के पीछे चूमा, तो वो गर्म होने लगी थी.. फिर मैं उसको पकड़े-पकड़े ही पीछे की तरफ चलने लगा और धम्म्म्म से सोफे पर बैठ गया और वो मेरी गोद में आ गिरी.. उसके भारी कूल्हे मेरे लंड को अच्छे से दबा रहे थे..
वो घूम गई और उसका चेहरा मेरे चेहरे के सामने आ गया.. हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे और चुम्बन प्रगाढ़ होता चला गया। वो मेरी गोद में ही बैठी रही और हम दोनों एक-दूसरे को करीब दस मिनट तक लगातार चूमते-चाटते रहे..
फिर मैं रुक गया।
मैंने उससे कहा- मेरे पास तुम्हारे लिये कुछ है.. चलो कमरे में चलते हैं।
हम कमरे में आ गये.. मैंने वहाँ एक रोमांटिक गाना चला दिया और उसको वो गुलदस्ता दिया.. जिससे देख कर वो बहुत खुश हुई.. बहुत ही प्यार से बोली- ये मेरे लिये हैं? सच में ?
मैंने कहा- हाँ !
फिर मैंने उसका हाथ अपने हाथो में लेकर कहा- एक डांस हो जाए..
तो उसने हाँ में गर्दन हिला दी..
हमने एक-दूसरे को कपल डांस के लिये पकड़ लिया.. मैंने अपने हाथ उसकी कमर में डाल दिए और उसने अपने दोनों हाथ मेरे गले में ! और हम एक दूसरे की आँखों में आँखे डाल कर हल्के-हल्के डांस करने लगे.. उसकी चूचियाँ मेरे सीने से लगी हुई थी.. मैंने अपनी पकड़ ज्यादा कर दी तो उसके दोनों स्तन मेरे सीने से दब कर चिपक गए। डांस करते करते ही मैंने उसको चूमना शुरू कर दिया.. उसकी दोनों आँखों को चूमा फिर दोनों गालो को, उसके मक्खन जैसे गुलाबी होंठों को, उसकी गर्दन पर, उसकी कान के पीछे की तरफ ! सब जगह ..
वो भी मेरा साथ दे रही थी पूरी तरह !
उसकी साँसें बहुत तेज़ हो गई थी- अम्म म्मम्म उफ़्फ़ अम्फ़ जैसी आवाज़ें करने लगी..
मैंने अपने हाथ उसकी टी-शर्ट में पीछे से डाल दिए और उसकी नंगी पीठ को सहलाने लगा..
हमारी साँसें काफी गरम हो चुकी थी। अब मैं अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियाँ दबाने लगा। चूचियाँ फूलने लगी थी और दबाते दबाते काफी कड़ी हो गई।
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी.. वो लाल रंग की ब्रा पहने हुए थी..
उफ़्फ़ ! लाल रंग की ब्रा में उसके सफेद दूध जैसे स्तन ! एक अदभुत सुन्दरता थी उसके स्तनों में ! वैसे भी मेरा मानना है कि स्तन किसी भी लड़की के शरीर का सबसे खूबसूरत अंग होते हैं..
मैंने उसकी ब्रा नहीं उतारी बल्कि एक स्तन ब्रा को नीचे खींच कर बाहर निकाल लिया और चुचूक को चुसुकने लगा ..कितने मुलायम था वो हलके भूरे रंग का ..
एक हाथ से उसके एक स्तन को ब्रा कर ऊपर से ही दबाने लगा, दूसरे से उसके दूसरे स्तन को पकड़ कर चूस ही रहा था..
वो मस्त होने लगी थी, बोली- और चूसो ! और जोर से चूसो !
और उसने अपने हाथो में मेरा लंड मेरे पजामे के ऊपर से ही पकड़ लिया और मसलने लगी।
मैंने उसकी ब्रा उतार दी.. अब उसके दोनों मम्मे मेरे हाथों में थे.. मैं उनको जोर जोर से दबा कर चूसने लगा.. मुझे चूचियों से खेलने में बहुत मज़ा आता है..
वो मेरे लंड को मसल रही थी। तभी मुझे अपनी पिछली शाम सोची हुई एक शरारत याद आ गई..
मैंने उसको अपनी एक बनियान दी और कहा- इसको पहन लो..
वो बोली- क्यों?
मैंने कहा- पहनो तो..
फिर मैं कमरे से बाहर गया और अपने दोनों हाथों में कुछ लेकर वापस आ गया और फिर मैंने अपने दोनों हाथ नीचे से उसकी बनियान में डाल दिए और जो मेरे हाथों में था वो मैंने उसकी दोनों चूचियों के ऊपर रख कर उनको पकड़ लिया ताकि वो उस चीज को गिरा ना दे..
उस चीज के लगते ही उसके मुँह से एक जोर की सिसकारी- ईईईईईईए आआआआआम्मं स्स्स्सीईईई निकल गई..
असल में मेरे दोनों हाथो में बर्फ के टुकड़े थे जो मैंने उसके स्तनों के ऊपर रख दिए थे जिससे उसकी सिसकियाँ निकलने लगी थी।
उसने मेरे लंड को पजामे में से खींच कर बाहर निकाल दिया और जोर जोर से आगे पीछे करने लगी। गर्मी इतनी ज्यादा थी कि उस वक़्त दो मिनट में ही सारी बर्फ पिघल गई। फिर उसने वो बनियान उतार दी और मुझे धक्का देकर पलंग पर गिरा दिया और मेरा पजामा खींच कर उतार दिया, अपनी जींस भी उतार दी..
उसने लाल रंग की ही चड्डी पहनी थी.. लाल रंग की चड्डी और उसकी वो गोरी चिकनी जांघें..
अपना आप को सम्हालना काफी मुश्किल हो जाता है ! खैर..
अब हम दोनों सिर्फ चड्डियों में थे, उसने चड्डी की बगल से मेरे लंड को बाहर निकाल कर पकड़ किया और मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगी और आगे पीछे करने लगी..
अब मेरी सिसकारियाँ निकल रही थी- आआह्ह्ह आआह्ह्ह ..ऊऊ म्मम्मम
वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसके चुचूकों के साथ खेल रहा था।
फिर मैंने उसकी गीली चड्डी देखी तो मैं भी उसकी चड्डी के ऊपर से ही उसको सहलाने और दबाने लगा। फिर वो रुक गई और मैं उसकी चूत को चाटने लगा, कभी-कभी उसकी फाकों को अपने दांतों के बीच लेकर काट भी देता जिससे उसकी सिसकी निकल जाती..
उसकी चूत एकदम चिकनी थी, उसने वो हल्के वाले बाल भी हटा दिए थे..
एकदम चिकनी चूत थी उसकी..
मैं उसकी चूत को चाट रहा था और वो बोल रही थी- चाटो प्लीज़ आआआआ ह्ह्ह्हह्ह और चाटो ! जोर जोर से चाटो ! खा जाओ मेरी चूत को ! आआअ ह्ह्ह्हह्ह सीईईईइ म्मम्मम आआआ ह्ह्हह्ह ..
मैं उसकी ये आवाज़ें सुनकर और भी जोश में आ गया और जोर जोर से उसकी चूत को खाने लगा, उसके दाने को अपने दांतों के बीच लेकर दबा देता बीच बीच में..
फिर उसने कहा- प्लीज़ कुछ करो, वरना मैं पागल हो जाउंगी.. पर प्लीज़ लंड मत डालना !
मैंने कहा- ठीक है..
फिर मैंने अपने लंड को अपनी चड्डी में अंदर कर लिया, उसको नीचे गिरा कर उसके ऊपर लेट गया, उसकी टांगें खोल दी और अपने चड्डी के अंदर रखे हुए लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा। तो उसकी आआआआ ह्ह्ह्हह्ह्ह आहें निकलने लगी और वो भी अपनी गांड उठा कर अपनी चूत को मेरे चड्डी के अंदर बंद लंड पर रगड़ने लगी..
हम दोनों जोर जोर से आहें भर रहे थे- आआ ह्ह्ह ऊ म्मम्म आआ ह्ह्हह्ह सीईईईईए आआह्ह्ह और ऐसे ही हम दोनों अपने लंड और चूत को एक दूसरे से रगड़ते रहे। लगभग 5 मिनट के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और मैं भी अपनी चरम सीमा को पहुँचने वाला था, हम दोनों झड़ गए, अपनी अपनी चड्डियों में..
आप लोग सोच रहे होंगे कि यह क्या बेवकूफी है ? चूत और लंड दोनों हैं फिर भी नहीं डाला ..?
तो मैं आपको बता दूँ कि बिना मर्ज़ी के सेक्स में मज़ा नहीं आता और यह जो चड्डियों वाला नया काम हमने किया, उसमें अपना अलग ही मज़ा है..
उसके बाद हम दोनों एक-दूसरे से चिपक कर लेटे रहे और लगभग 15 मिनट के बाद अलग हुए।
फिर वो बोली- अब जाना होगा वरना मम्मी को शक हो जाएगा।
फिर उसने मेरे सामने ही अपने कपड़े पहने, लाल रंग की चड्डी, लाल रंग की ब्रा, ब्लू जींस, और सफ़ेद टी शर्ट।
मुझसे बोली- तुम भी पहनो ना..!
मैंने कहा- मुझे नहीं पहनना !
तो वो हंस पड़ी और बोली- मत पहनो ! ऐसे ही अच्छे लगते हो !
मैं भी हंस पड़ा !
फिर हमने एक-दूसरे को पकड़ कर प्यार किया और उसने मेरी गोलियों को थोड़ा सा सहला दिया..
जाने का मन उसका भी नहीं था और ना मेरा उसको जाने देने का ! लेकिन जाना भी ज़रूरी था क्योंकि अगली दिन भी मिलना था।
वो चली गई अगले दिन आने का कह कर !
दोस्तो, अभी एक और दिन था घर वालो के आने में और उसमें मुझे सारा काम करना था, मतलब पूरा सेक्स !
तो मैं उसके लिये नई शरारत सोचने में लग गया।
तो यह था मेरा और मेरी प्यारी शिष्या के प्रेम-मिलन का दूसरा दिन..

Saturday, September 12, 2015

javani ka majaa

मेरा नाम सोनिया है. मेरी शादी को १ साल हो गया है और मेरे पति का नाम विक्रम है. मेरी ऐज २५ है. मेरा फिगर ३६ – २४ – ३६ का है और जब मैं साड़ी पहन कर मार्किट में जाती हु. तो लोग मुझे बड़ी गन्दी नजरो से देखते है. उनकी नज़रे मेरे बड़े – बड़े बूब्स पर अटक जाती है. मुझे ये अच्छा नहीं लगता है, क्योंकि मैं एक बहुत ही सीधीसादी औरत हु. अब मैं अपनी स्टोरी पर आती हु. मेरी एक बेस्ट फ्रेंड की शादी होने वाली थी. तो मुझे भी जाना था. मेरी फ्रेंड दिल्ली में रहती है और मैं मुंबई में. २ दिन पहले, मैं वहां पहुच गयी और अपनी फ्रेंड से खूब बातें की और मस्ती भी की. वो मेरी बेस्ट फ्रेंड थी. अगले दिन उसकी शादी थी और सभी शादी की तैयारी में लगे थे – शादी के रस्मो –रिवाज़ में. उस वक्त मैंने देखा, कि एक बुड्डा आदमी मुझे घुर रहा था. मैंने उसको इग्नोर कर दिया. थोड़ी देर बाद, फिर से देखा.. तो वो आदमी मुझे ही देख रहा था. मैं इधर – उधर हो गयी.
मैंने उसको ३ – ४ बार ऐसे ही नोटिस किया. आखिर, मैंने उसको जाकर पूछ ही लिया, कि आप मुझे क्यों घुर रहे हो? वो बोला – आप अच्छी लग रही है इसलिए देख रहा हु. मैं मन ही मन खुश हुई. पर मैं उसको बोला – आप किसी भी लेडी को ऐसे नहीं घुर सकते हो. वो बोला – मैं किसी भी लेडी को ऐसे नहीं घूरता. लेकिन आप लग ही इतनी सुंदर रही हो, कि आपको देखे बिना रहा नहीं गया. अब तो अन्दर से मुझे बहुत खुश होने लगी थी. मैंने कहा – थैंक्स. उसने कहा – थैंक्स की कोई बात नहीं है. वैसे मेरा नाम राजीव है. वो करीब ५० – ५५ साल का लग रहा था. मैंने कहा – मेरा नाम सोनिया है. हमारी थोड़ी बातें हुई और अच्छी फ्रेंडशिप भी हो गयी. वो बोला – शादी का माहौल है. सब अपने काम में बिजी है. चलो ना, हम कहीं बाहर चलते है. मैंने सोचा, ये ठीक रहेगा या नहीं. थोड़ी देर सोचने के बाद, मैं उसके साथ चली गयी. वो बहुत खुश था और मुझे एक शॉप पर ले गया और एक साड़ी खरीद कर दे दी. मैंने कहा – इसकी कोई जरूरत नहीं है. वो बोला – ये हमारी फ्रेंडशिप का पहला गिफ्ट है. मैं बहुत खुश हुई.
फिर वो मुझे रेस्टुरेंट में ले गया और हमने खाना खाया और मेरी खूबसूरती की उसने बहुत तारीफ की. बार – बार वो मुझे टच भी कर रहा था. लेकिन अब मुझे उसको छुने का कोई ऐतराज़ नहीं था. रेस्टुरेंट में बैठे थे हम लोग, उसने टेबल के नीचे से मेरी जांघ पर हाथ रखा. मैंने कहा – ये क्या कर रहे हो आप? उसने कहा – खूबसूरती का मज़ा ले रहा हु. आपके हुस्न का दीवाना जो हो गया हु मैं. अपने इस दीवाने को नाराज़ मत कीजिये. मैं बोली – पर ये गलत है. मैं एक शादीशुदा औरत हु. वो बोला – इसमें गलत कुछ नहीं है. ये सब तो आजकल होता रहता है. शादी के बाद ही तो इसका मज़ा है. और आपकी खूबसूरती के आगे तो सब फीका पड़ जाए और वो मेरी साड़ी को ऊपर करने लगा. मुझे अच्छा नहीं लगा और मैंने कहा – आप ये सब नहीं कर सकते हो. उसने कहा – तो कहाँ करे, आप बोलो? मैंने कहा – यहाँ इतने लोग बैठे है. हम लोग गाड़ी में बैठे और वो मुझे एक होटल में ले गया और एक रूम बुक किया और फिर हम दोनों रूम में चले गए.
उसने रूम में घुसते ही मुझे पकड़ कर गले लगा लिया और कहा – आई लव यू. वो मेरे लिप्स को किस करने लगा. करीब १० मिनट तक किस करने के बाद, उसने मेरी साड़ी उतार दी. फिर उसने मेरा ब्लाउज और पेटीकोट को उतारा. अब मैं उसके सामने ब्रा, पेंटी में ही थी. मैं पहली बार किसी पराये मर्द के साथ ये सब कर रही थी. वो मेरे बूब्स को दबाने लगा और मेरी चुचियो को मसल रहा था. मैं अब गरम हो रही थी. अब मेरे बूब्स भी मोटे हो रहे थे. मैंने भी उसके कपड़े उतारे और उसके लंड को हाथ से हिलाने लगी. उसका लंड ७ इंच का था. उसके लंड से पानी टपक रहा था. मैंने उसके लंड को अपने मुह में ले लिया और मस्ती में चूसने लगी अहाह अहहाह अहहाह ल्प्लप्ल्प्लप्ल्प… अआहाह हहहः श्श्श्स श्श्श.. उसको मजा आ रहा था. उसका लंड पूरा तन कर खड़ा हो चूका था. २० मिनट तक, मैंने उसके लंड को चूसा और फिर अपनी ब्रा और पेंटी को खोल दी. हम फिर बेड पर लेट गए और वो मेरे बूब्स को चूसने लगा और दबाने लगा. वो मेरी चूत में अपनी जीभ डाल कर चूस रहा था और मेरी चूत से पानी निकल रहा था. अचानक से उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और मुझे चोदने लगा.
मैं भी मज़ा ले रही थी पूरा. उसका लंड पूरा मेरी चूत में घुसा हुआ था. मेरी आवाज़ निकल रही थी अहः अहः अहहाह अहः अहः श्श्स श्श्स शश ऊईइ ऊओईइ ओईइ आह करीब १५ मिनट बाद वो झड़ गया. उसने अपना वीर्य मेरी चूत में ही छोड़ दिया. लेकिन मैं अभी शांत नहीं हुई थी. मैं उसके वीर्य से भरे लंड को ही चूसने लगी और सारा वीर्य अपने मुह में लेकर पी गयी. वो बोला – आप सेक्सी दिखती ही नहीं.. हो भी बहुत सेक्सी. थोड़ी देर मैं उसका लंड वापस तन गया और वो मेरे ऊपर फिर से चढ़ गया. अब तो मुझे आग लगी हुई थी. हु तो मैं एकदम सीधी औरत पर आज पता नहीं, कैसे एक रंडी की तरह बन गयी थी. वो मेरी चूत को फिर से चोदने लगा. मुझे वो पूरा मजा दे रहा था. साथ में मेरे बूब्स भी दबा रहा था. अब मैं झड़ने वाली थी. पर वो तो अभी वापस उठा था. थोड़ी ही देर में मैं झड़ गयी और उसने कहा – उलटी लेट जाओ. अब आपकी गांड की सेवा करते है. मैंने कहा, कि आज तक मैंने ये किसी के साथ नहीं किया है. प्लीज आप मत करो मेरे साथ.
वो बोला – अरे यार. इसमें भी मज़ा आएगा. लेट जाओ ना प्लीज. उसके इतना कहने के बाद, मैं उलटी कुतिया की तरह लेट गयी और मेरी गांड में अपना लंड घुसा रहा था. पर वो पूरा नहीं जा रहा था. अचानक उसने जोर का धक्का लगाया और पूरा लंड अन्दर घुस गया. मेरी तो सांस ही निकल गयी और मैं जोर से चिल्लाई. यह कहानी देसीएमएमस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे रहे ।पर वो धीरे – धीरे करके मेरी गांड मार रहा था. अब मुझे भी मज़ा आने लगा था. स्श्श्श श्श्श आईई आःह्ह स्श्शश्श… काफी देर बाद, वो फिर से झड़ गया और उसने अपना वीर्य मेरे मुह में डाल दिया. मैंने उसका वीर्य पी लिया. अब हम थक चुके थे और थक कर सो गए. मैं एक सीधीसादी औरत आज एक अनजान मर्द के साथ बाहों में बाहे डालकर सो रही थी. २ घंटे बाद हम उठे और फिर एक बार उसने मुझे चोदा. हम साथ में ही नहाये और अपने कपड़े पहन कर, होटल वाले को किराया दे कर, वापस घर आ गये. फिर बाद में मुझे अफ़सोस भी हुआ, कि यार मैंने जोश – जोश में ये क्या कर दिया. फिर हम शादी में आ गये और उसके बाद मैं मुंबई वापस आ गयी. मैं उस वाकिये को भूल चुकी हु. लेकिन, कभी जब ये बात मुझे याद आ जाती है.. मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है.

मेरे ससुराल में

गर्मी का सीजन था और मैं बहुत खुश भी थी और दुखी भी थी. खुश इसलिए थी क्योंकि मेरे ससुराल में मेरे कजिन देवर जी की शादी में जाना था और दुखी इसलिए क्योंकि मुझे मेरे पति के बिना ही इस शादी में जाना पड़ेगा.
मुझे मेरे पति की जॉब बिलकुल पसंद नहीं क्योंकि काम के कारण वो मेरे साथ बहुत कम वक़्त बिता पाते है. शादी में जाने के लिए मैंने सभी जरुरी पैकिंग कर ली और रात की ट्रेन से रिजर्वेशन भी हो चूका है.
ट्रेन में रिजर्वेशन आज कल ऐसा हो गया है जैसे की मुफ्त में टिकेट बट रही हो, हर टाइम फुल ही चलता है.
मुझे एसी में रिजर्वेशन नहीं मिला पर फिर भी मैं बहुत खुश थी की कम से कम मुझे स्लीपर की तो कन्फर्म टिकेट मिल गयी.
ट्रेन रात को 11 बजे थी और ससुराल जाना था, मैंने एक लूस फिटिंग की साडी पहन ली जिससे रात को गर्मी से दिक्कत ना हो.
मैंने घर को अच्छे से लॉक करा और सब कुछ चेक करके समय पर स्टेशन पहुँच गयी और वहा जाकर पता चला की ट्रेन 1 घंटे लेट हो गयी है.
मैंने वेटिंग रूम देखा तो वो एक दम पैक था और डीसाइड किया की प्लेटफार्म पर ही वेट करती हूँ. रात का समय था पर अभी भी गर्मी लग रही थी. मेरे पसीने से मेरा ब्लाउज के अंडर आर्म्स पुरे गिले हो गए थे.
आते जाते हुए लोग मुझे ऐसे देख रहे थे जैसे की मैं अभी बाथरूम से नहा कर निकली हूँ लेकिन लड़कियों को इस चीज़ की आदत हो जाती है, इसलिए मैंने ज्यादा माइंड नहीं किया.
गर्मी बहुत ज्यादा होने के कारण मेरी बेक भी बहुत गीली हो गयी थी. पसीने से गिले ब्लाउज के कारण ब्रा का हुक और स्ट्रप बहुत ही क्लियर दिखने लगे थे और हर कोई उन्हें देख कर आनंद ले रहा था.
मैंने नोटिस किया की मेरे गले से एक पसीने की बूंद शुरू हुई और नीचे की तरफ चलने लगी. मैं उसी को देख रही थी और गोर कर रही थी की ये पसीने की बूंद भी वही जाना चाहती है जहाँ इस प्लेटफार्म का हर मर्द देख रहा है.
वो पसीने की बूंद मेरे सिने से होती हुई मेरे क्लीवेज के बीच में पहुच गयी.
जब मुझे यकीन हुआ की पसीने की किस्मत यहाँ मोजूद मर्दों की किस्मत से ज्यादा अच्छी है. कुछ ही देर में वो पसीने की बूंद बूब्स के बीच में से होते हुए मेरे ब्लाउज के अन्दर अब्सोर्ब हो गयी.
कुछ ही देर मैं मेरे बूब्स के बीच का हिस्सा पूरा गिला हो गया और ब्लाउज आगे और पीछे से गिला दिखने लगा.
गर्मी के कारण मैंने अपना पल्ला थोडा सा नीचे किआ तो मेरे सामने के उभर दिखना शुरू हो गए. मुझे पता था की लोग अब मुझे और ज्यादा अच्छे तरीके से घुर रहे है पर मैं इस गर्मी से छुटकारा पाना चाहती थी इसलिए मैंने अपना पल्ला ठीक नहीं किया.
इस बीच मैंने नोटिस किया की सामने के पिल्लर पर एक 24-26 साल का लड़का बैठा हुआ था और वो मुझे ही देखे जा रहा था. उसकी नज़र ऐसी थी जैसे की वो मेरे सारे कपडे अपनी नजरो से ही उतार रहा है,
मैंने लाइट पिंक कलर की साड़ी पहनी थी जिसका पल्ला पारदर्शी था. साड़ी से मैचिंग मैंने ब्रा भी पहनी थी लेकिन फर्क ये था की मेरी येल्लो कलर की ब्रा शाइनिंग कपड़े की थी.
मैंने नोटिस किया की सामने वाला लड़का बार बार मेरे बूब्स को देख रहा है. ट्रेन को आने में अभी 15 मिनट और थे और गर्मी से परेशां होते हुए मैं बहुत बोर भी हो रही थी.
इसलिए सोचा क्यों ना इस लड़के के ही मजे लू जब तक. इधर उधर देखते हुए मैंने अपनी साड़ी का पल्ला और नीचे कर दिया ताकि उसे मेरे क्लीवेज और अच्छे से दिख जाए.
उसकी आँखे मेरे क्लीवेज को ही देख रही थी की जब ही मैंने उसकी तरफ देखा. वो मुझे देखकर घबरा गया और यहां वहां देखने लगा.
पर मैं उसी को देखने लगी, फिर उसने मुझे देखा और हमारी आँखे कुछ 10-15 सेकंड लडती रही और फिर उसने अपनी नज़रे हटा दी. जब ट्रेन की अनाउंसमेंट हुई की कुछ ही देर मैं ट्रेन आने वाली है.
मैंने सोचा की कुछ ही देर में ट्रेन आजायेगी क्यों ना बिचारे की मेहनत का थोडा फल दे दूँ.
मैं अपने लेफ्ट साइड एक बुक स्टाल को देखने लगी और ये भी ध्यान दे रही थी की वो मेरे क्लीवेज को अच्छे से देख रहा है या नहीं.
जैसी ही मैं स्टाल को देखने के लिए उठी और सामने रखे बैग से पानी निकालने के लिए झुकी. मेरे झुकते ही मेरा पल्लू थोडा और नीचे हो गया और उससे मेरे बूब्स और अच्छे से दिखने लगे. बोतल निकलते समय मैंने अपनी नज़रे ऊपर करी और उसकी तरफ देखने लगी.
उसकी आँखे मेरे गोर जिस्म का मजा लुट रही थी और उससे बहल बना रही थी. मैं जैसे ही बोतल निकाल कर खड़ी हुए तो मेरे क्लीवेज दिखना बंद हुए और वो होश में आया और मेरी आँखों मैं देखने लगा.
मैंने अपना पल्ला दिखाते हुए ये प्रूफ किया की मैंने उसकी चोरी पकड़ ली है.
वो भी समझ गया था की मैंने उसको मेरे बूब्स का क्लीवेज देखते हुए पकड़ लिया है. फिर ट्रेन की आवाज आई और मैंने देखा की मेरी ट्रेन आ रही है और कुछ ही देर में ट्रेन आकर स्टेशन पर खड़ी हो गयी.
मैंने उसकी तरफ देखा और उसने मेरी तरफ, उसको खुश करने के लिए मैंने एक स्माइल दी और वो बहुत खुश हो गया. मैं अपना लगेज ले कर खड़ी हुई और सोचा की चलो अब इस आशिक से पीछा छूटेगा की तभी मैंने देखा की वो भी लगेज लेकर ट्रेन को बोर्ड करने के लिए खड़ा हो गया.
मैंने सोचा.. अरे शीट, वो ये ट्रेन ही बोर्ड करेगा ये तो मैंने सोचा ही नहीं था. हम सैम बोगी में अलग अलग दरवाजे से चढ़ने लगे.
मैं अपनी सीट पर गयी और ये देख कर खुश हुई की कम से कम उसकी बर्थ मेरे बर्थ के आस पास नहीं है. मैंने अपना लगेज सेट किया और वाशरूम जाने लगी.
वाशरूम के पास लास्ट सीट पर पहुंची की देखा वो वाशरूम से आ रहा था. मैं सीट के साइड में खड़ी हो गयी जहाँ ऊपर बर्थ के लिए रेलिंग लगी रहती है और उसको साइड देने लगी. वो आया और मेरी तरफ फेस करता हुआ आगे जाने लगा.
आगे जाते समय उसकी चेस्ट मेरे बूब्स से पूरी तरह रगड़ गयी. उसने जाते हुए मुझे स्माइल दी पर मैं शॉक हो गयी उसकी चालाकी देख कर, की कितनी चालाकी से उसने सबके सामने मेरे बूब्स से अपनी चेस्ट रगड़वा दी और मैं कुछ नहीं कर पायी.
फिर मैं वाशरूम में आई और सोचने लगी उस इंसिडेंट के बारे में, मुझे उसकी डेरिंग ने सिर्फ मुझे इम्प्रेस ही नहीं किया बल्कि मेरे सोये हुए अरमानों को जगा दिया.
गर्मी से जो मेरे बूब्स के बीच में पसीना आया था वो मुझे बहुत इरिटेट कर रहा था, इसलिए मैंने अपने ब्लाउज के हुक खोल करके अपनी ब्रा के अपने दोनों गुलामो को आजाद करवाया.
ट्रेन की स्पीड के कारण हवा और तेज़ लग रही थी और जल्द ही मेरे बूब्स फिर ड्राई हो गए. मैंने देखा की मेरे बूब्स टकराने के बारे में सोच कर मेरे निप्पल एकदम टाइट हो गए है और उन्हें देख कर मैं और पागल होने लगी.
मैंने अपने दोनों हाथों के अंगूठो और एक उंगली से दोनों निप्पल को दबाने लगी और खुद ही मजे लेने लगी, फिर कुछ देर बाद मैंने अपने कपडे ठीक किये और बाहर निकल गयी.
जैसे ही मैं वहां पहुची जहा मेरे बूब्स उसकी चेस्ट से रगड़े थे तो मैंने देखा की वो लड़का जस्ट उसकी सामने बर्थ के पास खड़ा था.
मैं समझ गयी की इस बार वो अपना सीना मेरे बूब्स से लगवाना चाहता है और इसलिए मैं इस बार अपने बूब्स सामने साइड करके क्रॉस करने लगी.
जैसे ही मैं क्रॉस कर रही थी जब ही मैंने अपने पहले हिप्स पर नीचे कुछ महसूस किया. मैं शॉक हो गयी और 1 सेकंड के लिए वही रुक गयी.
उसने पीछे से अपना दबाव और बढाया और मुझे उसका वो मेरे हिप्स लाइन पर महसूस होने लगा. मैं इगनोर करते हुए वहां से क्रॉस किया और बिना पीछे देखे मैं अपनी सीट पर जाकर लेट गयी.
अब मेरे अरमानो में आग लग गयी थी और मुझे नंगी होने का मन होने लगा. मेरी साँसे सोच सोच कर तेज़ होने लगी और दिल तेज़ तेज़ धड़कने लगा. मैं खुद के हिप्स काटने लगी और अपनी ही जीभ से अपने होठों को भिगाने लगी.

Monday, August 31, 2015

अगले दिन से

तो दोस्तों पहले भाग मेरे पापा की गर्लफ्रेंड की चूत [भाग 1] में मैने आपको लंड खड़ा कर देने वाली वो कहानी सुनाई जिसमें पापा अपनी नयी नयी सेक्रेटरी सौम्या को पटा कर चोद रहे थे। उस दिन मैने उनको छुप कर देख लिया था। भोली भाली नादान लड़की को झांसा देकर मेरे पापा, जो कि एल आई सी में जोनल हेड हैं, अपने फ्लैट पर बुला कर उस दिन खूब मजेदार सेक्स किया। सच तो ये है कि खिडकी की झिर्री में से ताकते हुए मेरा लंड भी एकदम खड़ा हो गया था पर मैने अपने उपर कंट्रोल किया।
जब वो उस दिन चुद कर बाहर जा रही थी, उसने मुझे स्माईल दिया था। वो जान गयी थी कि इस लड़के ने उसकी सच्चाई जान ली है। इसलिए उसने मेरी तरफ स्माइल फेंक के यह जता दिया था कि उसे चुदना अच्छा लगेगा, अगर मैं चाहूं तो।
अगले दिन से मैने उसके आफिस के समय से अपने फ्लैट से बाहर निकल कर आते जाते देखना शुरु किया। वो मुझे देख कर रोज स्माइल देती, उसकी बलखाती गांड, लचकती कमर और टाइट जींस देख कर मैं अपने बाथरुम को रोज गंदा करता। एक दिन उसने आते हुए मुझसे पूछा, “ और शहजादे साहब, रोज किसका इंतजार होता है?”
मेरी निगाहें उसके बड़े बड़े चूंचों पर टिक गयीं, उन्हें घूरते हुए मैने कहा “ आप इतना भी नहीं समझतीं, आप मुझसे ज्यादा तो मेरे पापा को समझती हैं, और मैने आंख मार दी” वो झेंप गयी। उसे अहसास हो गया कि मैने उसको और पापा को सेक्स करते हुए देख लिया था।
फिर जब उसने नजरें नीचीं कर लीं तो मैने उसके चूंचो का भरपूर चछुचोदन करते हुए कहा “ आपकी इज्जत हमारे पापा की इज्जत है और हमारे पापा की इज्जत हमारी इज्जत। इसलिए आप बिल्कुल न घबराएं, हम तो बस आपके चाहने वाले हैं। आपका हुस्न देख कर चकाचौंध रह गये थे। गुस्ताखी माफ हमने आपको उस दिन पापा के साथ सबकुछ करते देख लिया था, और तो और मेरे पास वो विडियो भी है”, और मैने चुपके से बनाई गयी मोबाइल एचडी विडियो दिखा दी। उसके पैरों तले जमीन खिसक गयी।
वो मेरे कान में बोली “ क्या चाहिए तुम्हें? प्लीज जल्दी बताओ, आफिस के लिए देर हो रही है” मैने कहा “ वही जानेमन जो तुमने मेरे पापा को दिया, पर उनसे कहीं ज्यादा चाहिए मुझे तुम्हारी जवानी, क्योंकि तुम भी जवान हो और मैं भी जवान हूं। बेशक मैं तुम्हें ज्यादा मजा देने वाला हूं”
वो बोली ठीक है, ये विडियो मुझे चाहिए, डिलिट करना पड़ेगा। मैं भी इतनी आसानी से हार मानने वाला थोड़े ही था। मैने कहा “ अवश्य जानेमन, अगर तुमने अच्छा परफार्म किया तो क्यों नहीं, मैं जरुर ही डिलीट मार दूंगा इस विडियो को, पर तुम्हें मुझको खुश करना पड़ेगा। और मेरे दिमाग में उसकी रसभरी चूत घुस गयी। गुलाबी चूत की मस्तानी फांकों में लंड घुसेड़ कर उथल पुथल मचाने से मिलने वाले आनंद के बारे में सोच कर मेरा दिमाग एकदम झन्ना गया और लंड सनसना गया।
चूत मराने पापा की महबूबा आई, मेरे पास उसका एमएमएस था, बेचारी!
उस दिन पापा छुट्टी पर थे, हाफ डे था वीकेंड्स का। सौम्या सीधा मेरे फ्लैट पर आई, उसने काल बेल बजाया, मैं इंतजार कर ही रहा था। मैने दरवाजा तुरत खोला और उसे अन्दर खींच लिया। पापा तो थे नहीं, मैने सौम्या को पकड़ कर वहीं स्मूच करना शुरु कर दिया। उसके हाथों से फाइल गिर गयी, मेरे नरम होटों का स्पर्श पाकर उसके हाथ खुद ही मुझे घेरने लगे। उसने मेरे गले में अपने बाहों का हार डालकर अपने होंट मेरे होंटों पर दायें बायें रगड़ने लगी। उसकी यह अदा मुझे पागल करने लगी।
मैंने उसे बाहों में उठाकर चूमते हुए ही बेडरुम में लाया। सबकुछ पहले से सेट था। एक वाईब्रेटर, जिसमें कि डिल्डो भी लगा हुआ था, वैसलीन और फिर मस्त मेरे ब्रांड सिग्नेचर का एक अद्धा।
मैने सौम्या को एक पैग दिया, ना नुकुर करके वो उसे पी गयी और फिर दूसरा पैग तुरत ही दिया। पीते ही वो बिंदास होने लगी। मैने उसकी टाई और शर्ट खोली। बड़े चूंचों को इंडियन ब्रा से आजाद किया और गोरे गोरे एटम बम जैसे स्तन के काले काले निप्पल पर अपनी उंगली फिराते हुए बोला “ तुम तो मेरी मम्मी हो”
वो बोली “हां चलो आज मम्मी बन जाती हूं तुम्हारी, वैसे भी तुम्हारे बाप ने मुझे बहुत चोदा है। इसफैंटेसी का भी मजा लेके देखते हैं” मैने उसको एक जाम और दिया। वो गटक गयी और अपनी जींस उतार कर बोली, बेटे अमर जरा आओ तुम्हें कुछ दिखाती हूं”
और हम दोनों अब बेटे और मां का रोल करते हुए सेक्स के खेल में उतर चुके थे। मुझे एक अलग तरह की फीलिंग आ रही थी। मेरे मन के कोने में कभी भी इस तरह के भाव न आए थे और इस फीलिंग का प्रभाव निस्संदेह इतना ज्यादा था कि मेरा लंड एकदम लोहा और मूसल लंड हो गया। आठ इंच का लंड पापा के लंड से कहीं ज्यादा तगड़ा था।
उसने मेरे लन्ड को पकड़ लिया और बोली “ मेरे बेटे पर पहला हक मेरा है, इतना बड़ा लंड किसी और को तुम कैसे दे सकते हो बेटा अमर!” वो तो सचमुच मेरी मां बन गयी थी, ऐसा रोल प्ले तो कभी देखा ही नहीं। मैने भी कहा, हां मां तुम्हारा ही है।
और उसने अपनी गोरी गोरी चूत को पैंटी निकाल कर नुमाइश किया। बोली “ आज तुम्हें वहीं घुसा दूंगी जहां से तू आया है, चल मेरे पैरों के बीच में आ” मैं किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह से उसके पैरों के बीच आ गया और उसके चूत के फांकों को खोल कर देखने लगा।यह कहानी  देसीएमएमस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे रहे । उसने मेरे सिर को पकड़ कर कहा “ चल इस चूत को खोल कर अंदर झांक, देख क्या है कैसा लग रहा है”
उफ्फ, वो तो मुझे आदेश दे रही थी, पर क्या करें, मां बनी थी और उसकी बात माननी थी। पर इस फीलिंग में मजा भी तो बहुत आ रहा था। मैने अपने दोनो हाथों से उसकी चूत को फाड़ा और अंदर का नजारा लेने लगा। वो पूछ रही थी – “क्या दिख रहा है बेटा अमर?”
और मुझे उसके चूत की दृश्यावली प्रस्तुत करनी थी। “मैने शुरु किया – जैसे कमल के फूल के खिलने पर बिखरी पंखुड़ियां, और उनके उपर मंडराते भौरें का झुन्ड वैसे ही आपकी यह गुलाबी चूत खिली है और इसके उपर काले काले झांट के बादल फैले हुए हैं। ये कांटों की तरह भी हैं”
मुझे चूत के काव्यमय वर्णन से मुझे आश्चर्य हो रहा था कि मैं ये क्या बक रहा हूं। पर शायद हम दोनों आजकल होने वाले मशीनी सेक्स से उपर उठ चुके थे। रोल प्ले के इस खेल में साधारण चुदाई और लंड चूत के लड़ाई से ज्यादा मजा आ रहा था। अनछुए भावों का उदगार, और नयी ऊर्जा से सनसनाते चूत व लंड के हथियार की ये कहानी रोल प्ले सेक्स के साथ अगले भाग तीन में जल्द ही प्रकाशित करुंगा।

Friday, August 28, 2015

दरवाजा खोला

आज आपको एक इंडियन माल की चूत मारने की कहानी सुनाउंगा और ये कहानी बिल्कुल अलग है। सच तो ये है कि वो मेरे बाप की सेक्रेटरी है, और उनकी गर्लफ्रेंड है। मेरे पापा एल आई सी में काम करते हैं और जोनल मैनेजर हैं। सुधांशु मिश्रा, कानपुर एल आई सी हेड, और मेरा नाम है अमर मिश्रा। मेरे पापा ए ग्रेड अधिकारी होने की वजह से काफी रुतबे वाले हैं और उनकी शराब और शबाब में डूबे रहने की आदत है। इधर पिछले महीने एक नयी लौन्डीया ने आफिस ज्वाइन किया है। नाम है सौम्या। वो अभी बिल्कुल नयी नयी जवान हुई है, उम्र मेरे बराबर लगभग इक्कीस साल, चूंचे छत्तीस के, गांड अड़तीस की और कमर तीस बत्तीस होगी। दूधिया रंग, ट्यूबलाईट जैसा, जींस टाइट उसका तो फ्यूचर ब्राइट लग रहा था मेरे पापा के आफिस में। वैसे बता दूं कि आफिस और मेरा फ्लैट एक ही अपार्टमेंट में है। तो पापा को उस लौंडिया को अपने बेडरुम तक बुलाने में कोई परेशानी नहीं होने वाली थी। एक दिन मम्मी अपने पापा के घर चली गयीं। उस दिन शनिवार था, जल्द ही छुट्टी हो गयी। पापा ने सौम्या को अपने पास इनवाइट किया होगा। अच्छा मौका था उसे फांसने का। सौम्या भी हाईफाई गर्ल थी, और उस दिन वो सीधे हमारे फ्लैट पर पहुंची। काल बेल रिन्ग हुई तो मैने दरवाजा खोला और अचानक उसे अपने दरवाजे पर देख कर मेरा माथा ठनका।
मैं समझ गया कि आज इसकी इंडियन गांड चूत समेत सबकुछ का बाजा बजना ही बजना है। कमरे में पापा के ले जाकर मैं सीधा बगल वाले कमरे में जहां से कि खिड़की से जो कि मैने हल्की खोल के रखी थी, पहले से, उससे झांकने लगा। पापा ने कमरे में आते ही सौम्या को गले लगाके उसके चूंचे दबाने शुरु कर दिये। वो मुस्कराते हुए बोली ” आराम से सर, कोई जल्दी है क्या? पापा ने उसको अपने बाहों में उठा कर सोफे पर बिठा दिया। और दोनों बाते करने लगे। सौम्या कह रही थी ” सर आपकी वाईफ कहां हैं, आप उनको चीट नहीं कर रहे हैं ना? पापा ने कहा – अरे कैसा चीट यार, जब देखो दुनिया दारी से पड़ी रहती है, वो इतनी ठंडी हो गयी है बेड में कि पूछो मत। बस पड़ जाती है ढीली होके और मैं चोद के निकल जाऊं? ये तो सेक्स नहीं है। सेक्स का मतलब है, कुछ जोरदार, झन्नाटेदार और कमाल का जिससे की दिमाग के घंटे बज जाएं। चूत भी ढीली हो गयी है उसकी। बुढापा जल्दी आ गया उसका मोटी हो गयी है। छोड़ो उसकी बातें” ये सब सुनकर मुझे अच्छा नहीं लग रहा था, शायद पापा ने उसको प्रमोशन का लालच देके बुलाया था चोदने के लिए। अब उन्होंने सौम्या को अपनी गोद में बिठा लिया, और उसके चूंचे दबाने लगे। उसकी भरपूर जवानी का प्रदर्शन होने की उम्मीद थी आज मुझे। फिर उन्होंने टीशर्ट के उपर से ही उसके चूंचे मुह में ले लिए।
वो बोली ” आह्ह सर क्रेजी हो रहे हैं आपतो?” और फिर पापा ने उसके चूंचों को काटते हुए कहा ” रानी, तुम्हें देख कर तो मैं पहले दिन से ही क्रेजी हो गया था। तुम्हारा प्रमोशन कराके हेड सेक्रेटरी बनाने तक तुम्हारे चूंचे ऐसे ही मुझे मिलते रहें बस” सौम्या बोली ” अरे सर क्या बात करते हैं, मैं तो आपकी ही हूं, जैसे लीजिए। और फिर उसने अपनी टीशर्ट उतार दी। उसके गोरे गोरे मस्त चूंचे अभी भी पारदर्शी बिना फीते वाली स्टाइलिश ब्रा में छुपे थे। पापा ने अपने दांतों से उसके ब्रा को नोंच डाला। अब उसके काले काले निप्पल मेरे आंखों के सामने थे। पापा उसके निप्पलों को अपने दांतो से चबाने लगे थे। वह उम्म्म्माह उम्म्म, प्लीज आराम से, आह्ह उफ्फ करके उनको उत्तेजित कर रही थी। और उत्तेजित पापा ने उसके जींस में हाथ डाल कर उसकी चूत को टटोलना शुरु कर दिया। वो टाइट जींस थी और उसमें मुश्किल से हाथ जाता था। उसने खुद ही अपनी जींस का बटन खोल दिया और बेड पर लोट गयी। पापा ने उसकी जिंस को बाहर खींचना शुरु कर दिया। वो निकल ही नहीं रही थी और फिर सौम्या ने उसको खींच कर अलग किया। उसकी लंबी लंबी गोरी टांगें और काली पैंटी अभी भी चूत को ढंके हुई थी। पापा ने उसकी पैंटी खींच कर फाड़ दी। अब गोरी गोरी मलाई जैसी उसकी चूत की फांके और उसपर हल्के काले काले बाल, उफ्फ। पापा अपना लंड निकाल कर उसके उपर टूट पड़े।
उसने उनके लंड को पकड़ कर मूठ मारना शुरु कर दिया। अब लंड खड़ा हो गया था और अब उसने उस लंड को अपने मुह में ले लिया। पापा उसको कह रहे थे, चल अब रंडी की तरह एक्टिंग कर। अब वो बोल रही थी, ” चोदो मेरे मुह में, पैसे वसूल कर लो अपने। पापा ने अपना पूरा लंड उसके मुह में पेल दिया और वो अचकचा के थूक उगलने लगी। शायद उसको गले में मोटा लंड फंसने से दिक्कत हो रही थी। पुरे कहानी पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिय  अब उन्होंने लंड मुह से खींच लिया। उसको टांगे फैला के खड़ा करा दिया, वो अपनी गांड पीछे की तरफ उचका के अपनी चूत को उभार रही थी। पीछे से उसके चूंचे पकड़ कर पापा ने उसको किस करते हुए अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब दोनो मस्ती में थे। धकाधक, फचाफच और पचापच। चूत में लंड एकदम से टाइट हो रहा था। अब बोल रही थी, फाड़ दो मेरी चूत को सर, इतना अंदर डाल दो कि बस मेरी जवानी की प्यास बुझ जाए, आह्ह!!! इतना मस्त लंड तो मेरे ब्वाय फ्रेंड का भी नहीं है। और पापा ने अपने लंड से उसकी चूत की सवारी गांठते गांठते उसको एकदम मस्त कर दिया। अब वो कुतिया बनने के लिए तैयार थी।
उसने अपने दोनों हाथ पलंग पे रखे और कमर झुका कर कुतिया बन गयी। अब पापा ने उसकी गांड में लंड डालकर चोदना शुरु किया। एक दम सूखी गांड में अचानक से लंड पेल देने से वो चिल्लाई, “उईई मां मर गयी, जरा थूक या लुब्रिकेंट लगा लो सर!” पर पापा, सिर्फ उसकी गाँड के अंदरुनी चिकनाई पर निर्भर थे। उन्होंने उसकी चूंचियां मसलते हुए उसकी गांड मारी और फिर अपना वीर्य उसके मुह में उगल दिया। वो वीर्य को इस तरह चाट गयी जैसे कि मलाई खा के बिल्ली अपनी मूंछो पर ताव देती है। इसके बाद वो जल्दी जल्दी कपड़े पहन के बाहर निकलने लगी तो मैने फिर उसे बाहर तक छोड़ा। मुझे देख कर वो मुस्कराई और मुझे उसकी चूत की छवि याद आ गयी।

अगले भाग में पढेंगे कैसे मैने उसकी चूत को हासिल किया।

Tuesday, August 11, 2015

sex in sister in law,saali ki chut.

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम जीशान है और मेरी उम्र 34 साल है. में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ. में शादीशुदा हूँ और मेरी दो बड़ी सालीयाँ और दो साले है.. आज में आपको सबसे पहले अपनी सबसे बड़ी साली की चुदाई की दास्तान सुनाऊंगा.. मेरी सबसे बड़ी साली का नाम नुशरत है और उसकी उम्र 32 साल है और उसके फिगर का साईज 34-26-34 है और वो शादीशुदा है लेकिन उसका पति अमेरिका में रहता है और शादी के तीन साल बीतने के बाद भी उनको कोई बच्चा नहीं था. उसके बाद वाली साली आशिया जिसकी उम्र 30 साल और वो भी शादीशुदा है और उसके फिगर का साईज 36-28-36 है और उसका एक बेटा है.
दोस्तों अब में आज की अपनी कहानी की तरफ आता हूँ. यह उन दिनों की बात है कि जब मेरी बीवी गर्भवती थी और उसका सातवाँ महिना चल रहा था.. मेरी बीवी शादी के पहले ही महीने में गर्भवती हो गई थी और अक्सर मेरी बीवी से मेरी बड़ी सालीयाँ पूछती थी कि क्यों तुम्हारे पति में क्या इतनी जान है कि पहले ही महीने में तुम्हे गर्भवती कर दिया.. इसके अलवा कितनी बार सेक्स करते है और यह भी पूछती रहती थी और सभी मौज मस्ती करते रहते थे.. मेरी सबसे बड़ी साली नुशरत का कोई भी बच्चा नहीं था और उनकी शादी को पूरे तीन साल गुजर चुके थे और उसकी सास हमेशा उसको बांझ होने का ताना देती रहती थी.. उसका पति अमेरिका से हर तीन महीने के बाद आता और कुछ दिन उसको चोदकर वापस चला जाता था लेकिन वो फिर भी गर्भवती नहीं होती थी.
फिर एक दिन नुशरत की सास ने उसको धमकी दी और उससे कहा कि अगर उसके कोई बच्चा नहीं हुआ तो वो अपने बेटे की दूसरी शादी करवा देगी. फिर एक दिन मेरे पास मेरी साली आशिया का फोन आया.. उसने मुझसे पूछा कि जीशान भाई क्या आप कल सुबह मेरे घर पर आ सकते है तो मैंने कहा कि ठीक है और में दूसरे दिन 11 बजे आशिया के घर पहुंचा तो वो घर पर अकेली थी.. उसका बेटा स्कूल गया हुआ था और उसका पति ऑफिस.
फिर मैंने उससे कहा कि क्यों सब कुछ ठीक ठाक है ना? तो वो बोली कि हाँ सब ठीक है लेकिन मुझे आपसे बस एक जरूरी बात करनी है तो मैंने कहा कि बोलिए.. वो बोली कि पहले आप कसम खाए कि किसी को यह बात नहीं बताएगे और ना ही कभी अपनी बीवी से कुछ कहेंगे. फिर मैंने कहा कि ठीक है.. में कसम खाता हूँ और उसके बाद उसने मुझे नुशरत की पूरी स्टोरी बताई और मुझे वो सब सुनकर बहुत गुस्सा आया.. मैंने आशिया से कहा कि यह तो ऊपर वाले के हाथ है.. उसका मेडिकल चेकअप करवाओ.
फिर आशिया ने कहा कि हमने वो सब पहले ही करवाया लिया है और नुशरत का सब कुछ ठीक ठाक है लेकिन उसका पति चेकअप नहीं करवा रहा और अब समस्या यह है कि अगर नुशरत को बच्चा नहीं हुआ तो उसका तलाक़ हो जाएगा.. तो मैंने कहा कि यह तो एकदम गलत बात है और फिर मैंने आशिया से पूछा कि आप ही बताए कि में इसमे आपकी क्या मदद कर सकता हूँ?
फिर आशिया ने कहा कि कहीं आप नाराज़ ना हो जाओ.. क्या में वो बात बोलूं तो मैंने कहा कि आप बिना जिझक के बोलिए.. में नाराज नहीं होऊंगा. फिर आशिया ने कहा कि प्लीज आप नुशरत को गर्भवती कर दे और उसकी यह बात सुनकर मुझे गुस्सा आ गया और मैंने कहा कि आप क्या पागल है और में कैसे यह सब कर सकता हूँ.. तो इस पर आशिया रोने लगी और कहने लगी कि बड़ी मुश्किल से नुशरत की शादी हुई है और अब अगर उसका तलाक़ हो गया तो उसकी पूरी लाईफ बर्बाद हो जाएगी और वैसे भी किसी की मदद करना कोई गुनाह नहीं है और यह तो किसी की ज़िंदगी बचाने वाली बात है.. क्योंकि अगर नुशरत का तलाक़ हो गया तो वो खुदखुशी कर लेगी और वो बोली कि वैसे भी हम आपकी सालियाँ है तो मतलब की आधी घर वाली और नुशरत सबसे बड़ी है और इसलिए आप पर उसका हक़ है और हमने बहुत देर तक बहस की और आशिया ने मुझे कसम दी और कहा कि आपको यह काम करना ही होगा.
तो मैंने कहा कि ठीक है लेकिन में सिर्फ़ एक बार ही उसके साथ सेक्स करूंगा.. अगर वो गर्भवती हो गई तो ठीक है वरना आगे से मुझसे ऐसी कोई उम्मीद भी मत रखना और यह बात सुनकर आशिया बहुत खुश हो गई और कहने लगी कि क्या आज ही करेंगे या बाद में? तो मैंने कहा कि में आज नहीं कर सकता.. में कल ऑफिस से दो दिन की छुट्टी लेकर आ जाऊंगा.. लेकिन यह काम होगा कहाँ पर यह भी तो बताओ और में अपने घर तो नहीं ले जा सकता.. क्योकि वहाँ पर हमेशा मेरे सभी घर वाले मौजूद रहते है तो आशिया बोली कि आप चिंता मत करो.. आप दोनों कल सुबह मेरे घर पर 9 बजे तक आ जाना.. क्योंकि मेरा बेटा सुबह स्कूल जाता है और दिन में दो बजे तक वापस आता है और इस बीच आप लोगों को बहुत टाईम मिल जायगा.. तो मैंने कहा कि ठीक है. में कल सुबह 9 बजे तक आ जाऊंगा और में वापस अपने घर की तरफ रवाना हो गया और में दिल ही दिल में बहुत खुश हो रहा था कि मेरी नुशरत को चोदने की इच्छा अब पूरी हो रही है.. में नुशरत को पहली बार देखने के बाद से ही चोदना चाहता था.. क्योंकि वो हमेशा सेक्सी कपड़े पहनती थी और में उसके बूब्स का नज़ारा किया करता था.
फिर में घर पर पहुंचते ही वॉशरूम में घुस गया और मैंने एक बार नुशरत के नाम की मुठ मारी और अपने नीचे के बालों को साफ किया और अपनी बीवी से लंड पर तेल लगवाकर मालिश करवाने के बाद उसको सोचकर सो गया.
फिर दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर में नहाकर तैयार हुआ और ठीक 9 बजे आशिया के घर पर पहुंच गया और मैंने जब वहाँ पर देखा तो नुशरत पहले से ही मौजूद थी और वो दोनों मेरा ही इंतजार कर रही थी.. नुशरत मुझे देखकर शरमा गई और मुझे कहा कि ज़ीशान भाई धन्यवाद. दोस्तों मेरी सभी सालियाँ और साले मुझे ज़ीशान भाई कहती है.. मैंने नुशरत से कहा कि ठीक है.
फिर हम कमरे में बैठकर तीनो बातें करने लगे और आशिया ने जूस बनाकर दिया.. हमने मिलकर जूस पिया. तभी आशिया ने कहा कि 10 बज रहे है तो आप लोग बेडरूम में बैठिए और में टीवी देखने जा रही हूँ. अब बेडरूम में नुशरत और में अकेले रह गये.. नुशरत ने गुलाबी कलर की सलवार कमीज़ पहना हुई थी और काली कलर की ब्रा उसमे से साफ दिख रही थी और फिर में थोड़ा घबरा रहा था और नुशरत भी आंखे नीचे किये बैठी थी.. तो मैंने कहा कि नुशरत क्या यह सब ठीक होगा लेकिन वो कुछ नहीं बोली तो मैंने कहा कि में आपकी मजबूरी की वजह से आपका साथ दे रहा हूँ.. तो उसने कहा कि धन्यवाद ज़ीशान भाई. फिर मैंने धीरे से उसका हाथ अपने हाथों में लिया और उसको दिलासा देने लगा कि सब ठीक हो जाएगा.. आप बिल्कुल भी फ़िक्र ना करें.
तभी नुशरत ने कहा कि अगर में गर्भवती नहीं हुई तो सब कुछ ख़त्म हो जाएगा और फिर मैंने कहा कि आप गर्भवती जरुर हो जाओगी.. वो बोली कि इससे पहले बशीर ने बहुत ट्राई किया है और जब वो घर पर आते है तो हर रोज 3-4 बार मेरे साथ सेक्स करते है लेकिन फिर भी में गर्भवती नहीं हुई और तुमने सिर्फ़ आज का कहा है.. लेकिन एक दिन में यह सब कैसे होगा?
मैंने कहा कि जैसे आपकी बहन को मैंने गर्भवती किया है तो उसी तरह आपको भी कर दूंगा.. आप फ़िक्र ना करें तो उसने हाँ में सर हिलाया और मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा और उसे अपने क़रीब कर लिया.. उसने मेरी कमर में अपना एक हाथ डाल दिया और में धीरे-धीरे अपना हाथ उसके कंधे पर फेरने लगा. कंधे से में अपना हाथ नीचे की तरफ लाया और उसके पेट पर हाथ लगाया तो उसने मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ लिया और मैंने उसे गर्दन पर किस किया तो वो शरम की वजह से लाल हो रही थी.
फिर मैंने उसके गालों पर किस किया और फिर छाती पर किस किया और उसका दुपट्टा उतारकर दूर फेंक दिया.. उसके बाद मैंने उसे खड़ा किया और गले लगाया और किस करने लगा.. उसके बूब्स मेरी छाती से दब रहे थे और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था तो मैंने उसकी क़मीज़ उतार दी और किस करने लगा तो फिर मैंने उसके होंठो को किस किया.. वाह मज़ा आ गया और क्या मस्त होंठ थे उसके और फिर उसने भी मुझे पूरा जवाब देना शुरू कर दिया और मुझे किस करने लगी.. में बहुत देर तक इसी तरह खड़े खड़े किसिंग करता रहा और साथ साथ उसके बूब्स को भी दबाता, मसलता रहा.
फिर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला और ब्रा को उतार दिया.. ब्रा को उतारते ही उसके बड़े-बड़े एकदम सेक्सी तने हुए बूब्स को देखकर मेरा दिल खुश हो गया और उसके गुलाबी निप्पल भी तनकर खड़े थे. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर आ गया और किस करने लगा.. उसने कहा कि क्या आप सिर्फ़ किसिंग ही करेंगे या और कुछ भी तो मैंने कहा कि नहीं.. मेरी जान में अभी तुम्हे जन्नत का नज़ारा दिखाता हूँ और मैंने अपने कपड़े उतार दिये और उसकी सलवार भी उतार दी.. उसने काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी..
मैंने उसकी चूत को देखा तो वो एकदम उभरी हुई थी और थोड़ी गीली हो रही थी और में दिल ही दिल बहुत खुश हो रहा था कि आज मेरी दिल की इच्छा पूरी हो रही है तो मैंने उसके बूब्स पर किस्सिंग करना शुरू कर दिया और बहुत ज़ालीम अंदाज़ में उसके बूब्स को चूसने लगा और वो बहुत बेचैन होकर मेरे पेट पर अपने नाख़ून चुभाने लगी तो में उसके निप्पल को कभी चूसता तो कभी काट रहा था और वो भी मेरे सीने पर किस करती रही.
फिर मैंने उसकी पेंटी में हाथ डालकर उसकी चूत को मसलना शुरू किया तो उसकी बैचेनी बहुत बड़ गई. मेरा लंड 7 इंच लंबा एकदम तन गया और उसने मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया तो में उसकी चूत में उंगली करता रहा और अचानक वो झड़ गई और उसकी चूत से पानी निकल गया और मैंने उसके दुपट्टे से अपना हाथ और उसकी चूत को साफ किया और लेट गया.. वो मेरे पास में बैठ गई और मेरा लंड दोनों हाथों में पकड़कर रगड़ने लगी.
फिर उसने मेरी छाती को किस करना शुरू कर दिया और मेरी गर्दन पर किस किया.. मेरे निप्पल पर जीभ से छुआ तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो साथ साथ मेरे लंड को भी रगड़ रही थी और मैंने उससे कहा कि मेरा लंड चूसो.. उसने कहा कि मुझे यह सब करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता और में बशीर का लंड भी नहीं चूसती.. वो भी बहुत कहते है. तो मैंने कहा कि बशीर और मुझमें बहुत फर्क़ है मेरी जान.. में तुम्हे बच्चा दूंगा और बशीर नहीं दे सकता.. तो इसलिये मेरी बात तो माननी पड़ेगी और मेरी इस बात पर वो थोड़ी देर सोचती रही और उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी..
वो कभी मेरे टोपे पर जीभ फेरती तो कभी मेरे आंड पर किस करती और लंड को मुहं में आगे पीछे करती तो मेरा लंड फूलकर और मोटा हो गया और मैंने उससे कहा कि अब तुम लेट जाओ और वो झट से बेड पर सीधी लेट गई और में उसके दोनों पैरों के बीच में बैठ गया.. मैंने अपना लंड पकड़कर उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया और वो मचलने लगी तो मैंने अपनी तीन उगलियाँ उसकी चूत में डाली और उसकी चीख निकल गई.. मैंने कहा कि अभी तो मेरी ऊँगली ही चूत में गई है और अगर मेरा लंड जाएगा तो क्या करोगी? तो वो कहने लगी कि में अपने बच्चे के लिये सब दर्द बर्दाश्त कर लूंगी और उसके बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और रगड़ने लगा तो उसने अपने बूब्स को दबाना शुरू कर दिया और उसकी आंखे बंद हो गई और वो बहुत मज़ा ले रही थी.. में दो तीन मिनट इसी तरह से करता रहा तो उसने कहा कि मुझे और मत तड़पाओ.. में प्यासी हूँ.. प्लीज मेरी प्यास बुझा दो.
फिर मैंने कहा कि अभी रुको मेरी रानी में तुम्हारी प्यास बुझा देता हूँ और यह कहकर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला.. मेरा टोपा उसकी चूत में गया और वो दर्द की वजह से अपने होंठो को दाँतों के नीचे दबा रही थी. मैंने थोड़ा इंतजार किया और हल्का सा झटका मारा तो उसकी चीख निकल गई और वो कहने लगी कि प्लीज थोड़ा आराम से करो.
फिर मैंने कहा कि क्यों इतनी बार बशीर भाई से चुद चुकी हो.. फिर भी इतना दर्द हो रहा है तो उसने कहा कि बशीर का लंड 4 इंच का है और आपके लंड की तरह मोटा भी नहीं है तो मैंने धीरे से अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और मुझे उसकी चूत की दीवार अपने लंड पर महसूस हुई तो वो दर्द की वजह से तड़पने लगी..
मैंने थोड़ा इंतजार किया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिये और किस करने लगा और हाथों से उसके बूब्स को दबाने लगा.. थोड़ी देर में वो सुकून में आ गई और मैंने उससे कहा कि चलो अब जन्नत की सेर करवाता हूँ. फिर मैंने झटका मारना शुरू कर दिया और वो आहह उफफफफफ्फ़ और ज़ोर से और ज़ोर से.. मेरी चूत फाड़ डालो प्लीज और मुझे बच्चा दे दो कहने लगी और क़रीब 10 मिनट के बाद वो झड़ गई.. लेकिन में लगातार झटके लगाता रहा.. बेडरूम में फच फच की आवाज़ के साथ उसकी सिसकियों की आवाजें गूंज रही थी.
और 40 मिनट के बाद मैंने कहा कि में झड़ने वाला हूँ तो उसने कहा कि जल्दी से झड़ो मेरी चूत में और मैंने तेज़ तेज़ झटके मारने शुरू कर दिए और फिर मेरा गर्म गर्म वीर्य उसकी चूत की गहराईयों में अंदर तक बहता चला गया और वो अपने पैरों को सिकुड़ने लगी.. पर में निढाल होकर उसकी छाती पर सर रखकर लेट गया और 5 मिनट के बाद में उस पर से उठा और उसके बराबर में लेट गया और थोड़ी देर लेटा रहा.
फिर मैंने अपना लंड उसके मुहं में दिया और उसने चूस चूसकर मेरा लंड साफ किया.. मैंने उसके दुपट्टे से उसकी चूत को साफ किया और उसके साथ लेटकर उसकी छाती को मसलने लगा और वो मेरे लंड को रगड़ने लगी और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और फिर मैंने उससे कहा कि वो घोड़ी बन जाए तो वो झट से घोड़ी बन गई और में उसके पीछे गया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.. वो अपनी गांड को हिलाने लगी. फिर मैंने उसकी चूत में अपना लंड एक झटके में पूरा अंदर डाल दिया और वो एकदम तड़पकर रह गई और उसने मेरा लंड बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन मैंने उसे ज़ोर से पकड़ा हुआ था. वो निकाल नहीं सकी और थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत में झटके मारने शुरू किए और वो भी अपनी गांड हिला हिलाकर चुदने लगी और में उसके कूल्हों पर थप्पड़ मार रहा था और उसकी आवाज़ बाहर तक जा रही थी और वो ज़ोर ज़ोर से आहह आअहह उम्म्म उफफफ्फ़ मर गई.. कह रही थी और फिर क़रीबन 30 मिनट के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में एक बार और डाल दिया.. इस दौरान वो तीन बार झड़ चुकी थी. मैंने लंड को तब तक बाहर नहीं निकाला.. जब तक लंड खुद छोटा होकर बाहर नहीं आया.. में उससे अलग हुआ तो वो मुस्कराते हुए मेरे गले लग गई और कहा कि ज़ीशान तुम ने आज वाक़ई मुझे जन्नत की सैर करवाई है और आज मुझे पता चला है कि सेक्स किसे कहते है..
बशीर तो 5 मिनट में ही झड़कर बाथरूम भाग जाता था और फिर से तैयार होने में एक घंटा लगता था तो मैंने कहा कि मेरी जान फिल्म अभी बाक़ी है तो में 10 मिनट में तैयार हो जाता हूँ और तभी तो तुम्हारी छोटी बहन मतलब मेरी वाईफ को मैंने इतनी जल्दी गर्भवती कर दिया तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि ज़ीशान जितनी मर्ज़ी हो आप मुझे चोद सकते है.. आज और अभी से मैंने खुद को आपके हवाले कर दिया है कि आप मुझे जब भी जितना भी चोदना चाहते है चोद सकते हो.
फिर मैंने कहा कि मेरे पास टाईम की बहुत समस्या है.. वरना में तुम्हे तो हर दिन लगातार चोदता रहूँ. फिर हम बैठ गए और जूस पीने लगे और मैंने अपना जूस का ग्लास उसके बूब्स के पास किया और जूस उसकी छाती पर गिरा दिया और जूस को उसकी छाती पर से चाटने लगा..
उसको बहुत मज़ा आया और उसने अपना ग्लास भी अपनी छाती पर रखा और जूस को धीरे धीरे गिराने लगी और में उसकी निप्पल से एक एक बूंद टपकता हुआ जूस पीने लगा और अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने कहा कि मैंने तो जूस पी लिया है अब तुम भी पीयो तो वो बोली कि वो कैसे? फिर मैंने उससे बिना कुछ कहे अपना बचा हुआ पूरा जूस अपने लंड पर धीरे से डाला और वो मेरी बात को समझकर तुरंत मेरे लंड को बड़े मज़े से चूसने लगी और में उसके बूब्स को दबा रहा था.
फिर में लेट गया और उसको मेरे लंड पर सवार होने को कहा और वो मेरे लंड पर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी.. मैंने उसको अपनी तरफ झुकाया और उसके बूब्स को चूसने लगा.. जिससे वो ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी. तभी थोड़ी देर बाद मैंने कहा कि तुम घूम जाओ और उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया और फिर से मेरे लंड पर बैठकर उछल कूद मचाने लगी और अब कुछ देर के बाद वो झड़ गई तो उसकी चूत का रस मेरे लंड के आस पास फेल गया और इसी तरह उछलते कूदते वो भी झड़ गई और वो बुरी तरह से थक चुकी थी और लंबी लंबी सांसे ले रही थी तो मैंने कहा कि क्यों मज़ा आया? तो उसने कहा कि ज़िंदगी में पहली बार ऐसा मज़ा आया है.
फिर मैंने कहा कि अब तो तुम गर्भवती हो ही जाओगी.. उसने सर हिलाकर हाँ कहा और मुझे किस किया. हम इसी तरह थोड़ी देर लेटे रहे तो अचानक मेरी नज़र घड़ी पर पड़ीं और जिसमे 1:30 का टाईम हो चुका था और हम पिछले तीन घंटे से सेक्स कर रहे थे और मैंने उससे कहा कि चलो अब कपड़े पहन लो.. आशिया का बेटा स्कूल से आने वाला है.
तो उसने कहा कि ठीक है और हम दोनों एक साथ बाथरूम में गए और उसने मेरा लंड धोया और मैंने उसकी चूत को और फिर कपड़े पहनकर बाहर आ गए.. बाहर आते ही जो नज़ारा मैंने देखा तो वो मेरे लिए हैरान करने वाला था और नुशरत का भी मुहं खुला का खुला रह गया.. क्योंकि बाहर आशिया अपनी क़मीज़ ऊपर किये एक हाथ से अपने बूब्स को दबा रही थी और उसका दूसरा हाथ उसकी सलवार में था और उसकी आंखे बंद थी और वो पूरे जोश में आकर मज़ा ले रही थी.
फिर हम बहुत देर तक देखते रहे और फिर नुशरत ने खांसकर आशिया को अपनी बेहोशी से उठाया और वो घबराकर सीधी हुई.. अपने कपड़े ठीक किये और हमने उससे कहा कि हमारा काम हो गया है तो मैंने नुशरत को कहा कि तुम जब गर्भवती हो जाओ तो मुझे बताना.. उसने मुस्कुराकर हाँ कहा. फिर मैंने दोनों को अलविदा कहा और अपने घर आ गया.