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Monday, August 31, 2015

अगले दिन से

तो दोस्तों पहले भाग मेरे पापा की गर्लफ्रेंड की चूत [भाग 1] में मैने आपको लंड खड़ा कर देने वाली वो कहानी सुनाई जिसमें पापा अपनी नयी नयी सेक्रेटरी सौम्या को पटा कर चोद रहे थे। उस दिन मैने उनको छुप कर देख लिया था। भोली भाली नादान लड़की को झांसा देकर मेरे पापा, जो कि एल आई सी में जोनल हेड हैं, अपने फ्लैट पर बुला कर उस दिन खूब मजेदार सेक्स किया। सच तो ये है कि खिडकी की झिर्री में से ताकते हुए मेरा लंड भी एकदम खड़ा हो गया था पर मैने अपने उपर कंट्रोल किया।
जब वो उस दिन चुद कर बाहर जा रही थी, उसने मुझे स्माईल दिया था। वो जान गयी थी कि इस लड़के ने उसकी सच्चाई जान ली है। इसलिए उसने मेरी तरफ स्माइल फेंक के यह जता दिया था कि उसे चुदना अच्छा लगेगा, अगर मैं चाहूं तो।
अगले दिन से मैने उसके आफिस के समय से अपने फ्लैट से बाहर निकल कर आते जाते देखना शुरु किया। वो मुझे देख कर रोज स्माइल देती, उसकी बलखाती गांड, लचकती कमर और टाइट जींस देख कर मैं अपने बाथरुम को रोज गंदा करता। एक दिन उसने आते हुए मुझसे पूछा, “ और शहजादे साहब, रोज किसका इंतजार होता है?”
मेरी निगाहें उसके बड़े बड़े चूंचों पर टिक गयीं, उन्हें घूरते हुए मैने कहा “ आप इतना भी नहीं समझतीं, आप मुझसे ज्यादा तो मेरे पापा को समझती हैं, और मैने आंख मार दी” वो झेंप गयी। उसे अहसास हो गया कि मैने उसको और पापा को सेक्स करते हुए देख लिया था।
फिर जब उसने नजरें नीचीं कर लीं तो मैने उसके चूंचो का भरपूर चछुचोदन करते हुए कहा “ आपकी इज्जत हमारे पापा की इज्जत है और हमारे पापा की इज्जत हमारी इज्जत। इसलिए आप बिल्कुल न घबराएं, हम तो बस आपके चाहने वाले हैं। आपका हुस्न देख कर चकाचौंध रह गये थे। गुस्ताखी माफ हमने आपको उस दिन पापा के साथ सबकुछ करते देख लिया था, और तो और मेरे पास वो विडियो भी है”, और मैने चुपके से बनाई गयी मोबाइल एचडी विडियो दिखा दी। उसके पैरों तले जमीन खिसक गयी।
वो मेरे कान में बोली “ क्या चाहिए तुम्हें? प्लीज जल्दी बताओ, आफिस के लिए देर हो रही है” मैने कहा “ वही जानेमन जो तुमने मेरे पापा को दिया, पर उनसे कहीं ज्यादा चाहिए मुझे तुम्हारी जवानी, क्योंकि तुम भी जवान हो और मैं भी जवान हूं। बेशक मैं तुम्हें ज्यादा मजा देने वाला हूं”
वो बोली ठीक है, ये विडियो मुझे चाहिए, डिलिट करना पड़ेगा। मैं भी इतनी आसानी से हार मानने वाला थोड़े ही था। मैने कहा “ अवश्य जानेमन, अगर तुमने अच्छा परफार्म किया तो क्यों नहीं, मैं जरुर ही डिलीट मार दूंगा इस विडियो को, पर तुम्हें मुझको खुश करना पड़ेगा। और मेरे दिमाग में उसकी रसभरी चूत घुस गयी। गुलाबी चूत की मस्तानी फांकों में लंड घुसेड़ कर उथल पुथल मचाने से मिलने वाले आनंद के बारे में सोच कर मेरा दिमाग एकदम झन्ना गया और लंड सनसना गया।
चूत मराने पापा की महबूबा आई, मेरे पास उसका एमएमएस था, बेचारी!
उस दिन पापा छुट्टी पर थे, हाफ डे था वीकेंड्स का। सौम्या सीधा मेरे फ्लैट पर आई, उसने काल बेल बजाया, मैं इंतजार कर ही रहा था। मैने दरवाजा तुरत खोला और उसे अन्दर खींच लिया। पापा तो थे नहीं, मैने सौम्या को पकड़ कर वहीं स्मूच करना शुरु कर दिया। उसके हाथों से फाइल गिर गयी, मेरे नरम होटों का स्पर्श पाकर उसके हाथ खुद ही मुझे घेरने लगे। उसने मेरे गले में अपने बाहों का हार डालकर अपने होंट मेरे होंटों पर दायें बायें रगड़ने लगी। उसकी यह अदा मुझे पागल करने लगी।
मैंने उसे बाहों में उठाकर चूमते हुए ही बेडरुम में लाया। सबकुछ पहले से सेट था। एक वाईब्रेटर, जिसमें कि डिल्डो भी लगा हुआ था, वैसलीन और फिर मस्त मेरे ब्रांड सिग्नेचर का एक अद्धा।
मैने सौम्या को एक पैग दिया, ना नुकुर करके वो उसे पी गयी और फिर दूसरा पैग तुरत ही दिया। पीते ही वो बिंदास होने लगी। मैने उसकी टाई और शर्ट खोली। बड़े चूंचों को इंडियन ब्रा से आजाद किया और गोरे गोरे एटम बम जैसे स्तन के काले काले निप्पल पर अपनी उंगली फिराते हुए बोला “ तुम तो मेरी मम्मी हो”
वो बोली “हां चलो आज मम्मी बन जाती हूं तुम्हारी, वैसे भी तुम्हारे बाप ने मुझे बहुत चोदा है। इसफैंटेसी का भी मजा लेके देखते हैं” मैने उसको एक जाम और दिया। वो गटक गयी और अपनी जींस उतार कर बोली, बेटे अमर जरा आओ तुम्हें कुछ दिखाती हूं”
और हम दोनों अब बेटे और मां का रोल करते हुए सेक्स के खेल में उतर चुके थे। मुझे एक अलग तरह की फीलिंग आ रही थी। मेरे मन के कोने में कभी भी इस तरह के भाव न आए थे और इस फीलिंग का प्रभाव निस्संदेह इतना ज्यादा था कि मेरा लंड एकदम लोहा और मूसल लंड हो गया। आठ इंच का लंड पापा के लंड से कहीं ज्यादा तगड़ा था।
उसने मेरे लन्ड को पकड़ लिया और बोली “ मेरे बेटे पर पहला हक मेरा है, इतना बड़ा लंड किसी और को तुम कैसे दे सकते हो बेटा अमर!” वो तो सचमुच मेरी मां बन गयी थी, ऐसा रोल प्ले तो कभी देखा ही नहीं। मैने भी कहा, हां मां तुम्हारा ही है।
और उसने अपनी गोरी गोरी चूत को पैंटी निकाल कर नुमाइश किया। बोली “ आज तुम्हें वहीं घुसा दूंगी जहां से तू आया है, चल मेरे पैरों के बीच में आ” मैं किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह से उसके पैरों के बीच आ गया और उसके चूत के फांकों को खोल कर देखने लगा।यह कहानी  देसीएमएमस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे रहे । उसने मेरे सिर को पकड़ कर कहा “ चल इस चूत को खोल कर अंदर झांक, देख क्या है कैसा लग रहा है”
उफ्फ, वो तो मुझे आदेश दे रही थी, पर क्या करें, मां बनी थी और उसकी बात माननी थी। पर इस फीलिंग में मजा भी तो बहुत आ रहा था। मैने अपने दोनो हाथों से उसकी चूत को फाड़ा और अंदर का नजारा लेने लगा। वो पूछ रही थी – “क्या दिख रहा है बेटा अमर?”
और मुझे उसके चूत की दृश्यावली प्रस्तुत करनी थी। “मैने शुरु किया – जैसे कमल के फूल के खिलने पर बिखरी पंखुड़ियां, और उनके उपर मंडराते भौरें का झुन्ड वैसे ही आपकी यह गुलाबी चूत खिली है और इसके उपर काले काले झांट के बादल फैले हुए हैं। ये कांटों की तरह भी हैं”
मुझे चूत के काव्यमय वर्णन से मुझे आश्चर्य हो रहा था कि मैं ये क्या बक रहा हूं। पर शायद हम दोनों आजकल होने वाले मशीनी सेक्स से उपर उठ चुके थे। रोल प्ले के इस खेल में साधारण चुदाई और लंड चूत के लड़ाई से ज्यादा मजा आ रहा था। अनछुए भावों का उदगार, और नयी ऊर्जा से सनसनाते चूत व लंड के हथियार की ये कहानी रोल प्ले सेक्स के साथ अगले भाग तीन में जल्द ही प्रकाशित करुंगा।

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